Difference between Love or Attraction
- apna humsafar
- Jun 15, 2018
- 3 min read
Difference between love and attraction by www.apnahumsafar.com best punjabi matrimony and matrimonial website and marriage site in Punjab and India. best marriage bureau in Punjab.

दोस्तों कभी कभी जिंदगी हमे ऐसे मोड़ पर ला कर खड़ा कर देती है की हम समझ नही पाते की ये प्यार (Love) है या आकर्षण (Attraction)। ये खेल दिल और दिमाग का है. हम दिमाग को दिल समझ लेते है और दिल को दिमाग।
जब ये दोनों एक दूसरे से उलझ जाते है तो हम प्यार (Love) और आकर्षण (Attraction) के बीच फर्क नही कर पाते और अक्सर आकर्षण को प्यार कहने लगते है. हम कोशिश करेंगे की आपकी इस उलझन को ख़त्म कर सके।
Love or attraction या love or like का मतलब एक सा ही है इसको एक उदाहरण से समझते है। आपने अपने घर में एक गुलाब का पौधा लगाया और जैसे ही उसमे गुलाब का फूल आया अपने उसे तोड़ लिया और अपने पास रख लिया तो इसका मतलब हुआ की फूल आपको पसन्द है या आप उस फूल की तरफ आकर्षित हुए और आपने हमेशा की लिए उसे अपने पास रखना चाहा. लेकिन इसके विपरीत अगर आपको फूल से प्यार है तो आप कभी उसे तोड़ोगे नही बल्कि उसे पालोगे उस पौधे को रोज पानी देंगे ताकि ताकि वो पौधा कभी खराब न हो.

हमारी ज्यादातर यंग जनरेशन (young generation) इस साधारण सी बात को समझ नही पाती और आकर्षण को प्यार (Love) का नाम देने लगते है जिसका परिणाम आगे चल कर सकारात्मक नही होता।

दरअसल आकर्षण के पीछे हमेशा इंसान की एक मंशा छुपी होती है या यू कहे की इंसान जिसके प्रति भी आकर्षित होता है उसमे अपना लाभ देखता है वो लाभ फिज़िकल हो सकता है, पैसे से जुड़ा हो सकता है या और कुछ भी हो सकता है जिससे उसे ख़ुशी मिले।

इससे एकदम विपरीत है प्यार (Love) जिसके पीछे इंसान की कोई मंशा नही होती जैसे हमारे परेंट्स का प्यार (Love) जो दुनिया में रियल प्यार है. उनको हमारे पैदा होने पर कोई लाभ नही हुआ. अब भी नही हो रहा और न भविष्य में होगा लेकिन फिर भी वो हमसे जुड़े हुए है बिना किसी लालच के, इसे बोलते है सच्चा प्यार। कैसे पहचान करे प्यार (Love) और आकर्षण (Attraction) के बीच…..इस बात में कोई शक नही है की प्यार की शुरुवात आकर्षण से ही होती है लेकिन इनके फर्क को समझे के लिए दो सबसे जरूरी बाते को ध्यान में रखे।

Signs of Attraction – आकर्षण की पहचान
आकर्षण में अक्सर आपका फोकस सामने वाले व्यक्ति के लुक या बॉडी पर होता है.
आकर्षण में इंसान अपने रिलेशनशिप को रियल फीलिंग्स की बजाय fantasy (कल्पना) पर टिकाता है.
आकर्षण में दो लोग लवर्स हो सकते है लेकिन रियल फ्रेंड्स नहीं जो एक दुसरे की emotions को अच्छे से समझ सके.
एक दुसरे की बड़ी से बड़ी गलती माफ़ करने की और एक दुसरे के लिए अपनी आदते बदलने की गुंजाईश प्यार में होती है, आकर्षण में नहीं. फिजिकल रिलेशनशिप पर ज्यादा जोर होता है.
Signs of Love – प्यार की पहचान
बिना शर्त व स्पष्ट — जैसा हमने बताया की प्यार बिना किसी शर्त और स्पष्ट होता है और जिस सम्बन्ध के पीछे कोई शर्त या लाभ छुपा हो वो आकर्षण है

उबाऊपन– प्यार और आकर्षण को फर्क को समझने के लिए सम्बन्धो के साथ होने वाले उबाऊपन को समझना बहुत जरूरी है जैसे अगर आप किसी काम को करते हुए या किसी रिलेशनशिप में रह कर बोर महसूस करते है तो वो केवल आपका आकर्षण है .सच तो ये है की जिस काम या जिस शख्स से आपको प्यार होता है आप उससे कभी बोर हो ही नही सकते या यहाँ तक की उससे आपको कभी थकान भी महसूस नही होगी.
भावनाएं – प्यार में आप सिर्फ सामने वाले इंसान की भावनाओ का ही नहीं उससे जुडी हर चीज का सम्मान करते है.
कमजोरियां – प्यार में इंसान एक दुसरे की कमियों पर ध्यान नहीं देता. चाहे सुख हो या दुःख साथ खड़ा रहता है.
www.apnahumsafar.com is best Punjabi matrimony, matrimonial, marriage bureau, marriage sites, wedding websites, sikh matrimony and matrimonial in Punjab and India.

Recent Posts
See AllMarriages in India are held as sacred bonding that are expected to last for a lifetime. But, is it true that once we find our right...
Comentários